-लीला छंद-


-लीला छंद-
बारह के धरत भार । लेवव लीला सवार
चरण अंत जब जभान । तब लीला छंद मान

जइसे-
भज ले मन राम-राम । दुनिया के करत काम
कर्म जगत मा प्रधान । जानव मानव सुजान
चाल चलन रखव नेक । कहय राम गोठ नेक
राम संग राम गोठ । अंतस भर रहब पोठ

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